Saturday, March 6, 2010

भारत वासी

वीशव के मानव मेह्रामन मे है अनोखा भारत वासी
जेट युग के ये जमाने मे भी संसक़्रुती रखा भारत वासी
गीता कुरान बाईबल अवेस्ता थकी बना भारत वासी
चारो दीशा को जुड जो जाने मानव सांकल है भारत वासी 
रोमे रोम मे भाईचारो ऊन्का शांती प्रीय है भारत वासी
अडीखम नीडर अण्नम हे दुनीया का पृरक है भारत वासी
ऋषी मुनीओ के आद्रश से रंगाया हुआ भारत वासी
य़्ग़्ना भ्सम से बना हुआ है भारत वासी 
शहीदो के महापुरुशो के आदर्श से सुंगाया है भारत वासी
रोशन जीसका नाम दूनीया मे है सब ये भारत वासी
द्शो दीशायें गुम रहा है तेज पुंज सा भारत वासी 
कर्म है जीन्का धर्म ऐसा भाव मुर्ती है भारत वासी
अंग अंग मे है जीन्के खुमारी है पथीक भारत वासी

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