Monday, February 22, 2010

हो आप ?

हो आप ?

मे जीन की तलाश मे थी वो मनजील हो आप्
मजधार से जहां पहुंच ना था वो साहील हो आप 
मेरे अधर की जीसे प्यास थी वो नीर हो आप 
मुज हीर समा तडप ते रान्झा हो आप 
मेरे कहे शब्दो की प्रशनसा हो आप  
मेरे मुख से कहे गये हर एक लब्झ हो आप 
मेरे प्यार मे जो मील्ना है वो मोल हो आप 
मेरी आंखो को बचाये वो पलक हो आप 
इश्वर ने बनाया हे जो मल्क वो मलक हो आप्
मेरे उर ने भरा अच्छे से अछा कदम हो आप 
खूदा के आगे ली हुई क्सम हो आप्
मेरी नस् नस बे बेह्ती हूइ रक्त हो 
और मेरे लीये चल रहे अचछा वक्त हो आप 
मै जो जीवन जी रही हू वो जीवन हो आप 
मर्ने के बाद जो पेह्नूंगी वो कफन हो आप 


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आप सब को वीन्ंती हे की जोडाक्षर लीखने मे तकलीफ हो रही हे तो आप की नज्र मे कोइ अचछी वेब साईट हो तो बताना

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